नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोर्ट की अवमानना मामले में बिना किसी शर्त के सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी हैं. पीछले दिनों राफेल मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए गांधी ने कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया हैं. चौकीदार चोर है.
दरअसल हाल ही में राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा हमला बोला था और राफेल डील में घोटाला करने का आरोप लगाया था साथ ही कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी की नेता मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राफेल मामले में चौकीदार चोर है के बयान पर 23 अप्रैल को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. इस अवमानना मामले में पिछली बार राहुल गांधी की तरफ से सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट के सामने पेश हुए थे साथ ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. इस हलफनामा में राहुल गांधी ने तीन गलतियां मानी थी. उन्होंने कहा था. मैं कोर्ट के आदेश को ठीक से समझ नहीं सका था. मैंने जनता के बीच अपने नारे से कोर्ट के ऑर्डर को जोड़ा. मैं इसके लिए खेद व्यक्त कर चुका हूं.
हालांकि ये दलील सुप्रीम कोर्ट के गले नहीं उतरी और उसने मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जमकर फटकार लगाई थी. चीफ जस्टिस ने राहुल गांधी से कहा था आप कोर्ट के हवाले से किसी पर आरोप कैसे लगा सकते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा था कि खेद से काम नहीं चलेगा और माफी मांगनी पड़ेगी.
कोर्ट ने 30 अप्रैल को राहुल गांधी को अपनी टिप्पणियों के बारे में एक और हलफनामा दाखिल करने के लिये अंतिम अवसर दिया था. कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने वकील के माध्यम से यह स्वीकार किया था कि उन्होंने इस टिप्पणी को गलत तरीके से शीर्ष अदालत के नाम से कहकर गलती की. राहुल गांधी ने अपने माफीनामे में कहा कोर्ट का अपमान करने की न तो मेरी कोई मंशा थी और न ही मैंने जानबूझ कर ऐसा किया था. अदालत की न्यायिक प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचाना चाहता था. भूलवश मुझसे ये गलती हुई है. लिहाजा इसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं. साथ ही कहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस माफीनामे को स्वीकार कर केस को बंद करे.
इसपर न्यायालय ने कहा था कि पहले दाखिल हलफनामे में एक स्थान पर कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी गलती स्वीकार की है और दूसरे स्थान पर अपमानजनक टिप्पणी करने से इंकार किया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के बिना शर्त माफीनामे को स्वीकार कर लिया हैं और कहा कि उनको इस भूल के लिए क्षमा किया जाए. इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 मई को होगी.