नई दिल्ली, 15 अगस्त। देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से लगातार 5वीं बार तिरंगा फहराया । इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी इस मुगलकालीन किले पर सबसे ज्यादा बार ध्वजारोहण करने वाले प्रधानमंत्रियों की सूची में छठवें नंबर पर आ गए। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अपने करीब 82 मिनट के भाषण में तीन तलाक, हेल्थ केयर, सर्जिकल स्ट्राइक, ओबीसी आयोग और वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव जैसे मुद्दों पर सबसे ज्यादा जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण के दौरान भारत के आत्मविश्वास से भरे होने का उल्लेख करते हुए विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाक्रमों जैसे कि छह युवा महिला नौसेना अधिकारियों को नाविका सागर परिक्रमा में मिली शानदार सफलता और कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवा भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धियों का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संसद का यह सत्र सामाजिक न्याय के ध्येय से काफी उल्लेखनीय रहा। वहीं उन्होंने दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उभर कर सामने आने की भी चर्चा की।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की खास पहचान
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 की तुलना में आज के परिप्रेक्ष्य में देखें तो अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की खास पहचान बन चुकी है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों और एजेंसियों का नजरिया भारत के प्रति पुरी तरह से बदल चुका है। ‘नीतिगत निष्क्रियता’ के दौर से उबरकर भारत अब ‘सुधार, प्रदर्शन एवं रूपांतरण’ की ओर अग्रसर हो गया है। भारत अब कई महत्वपूर्ण बहुपक्षीय संगठनों का एक खास सदस्य है और इसके साथ ही भारत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की अगुवाई कर रहा है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत द्वारा वर्ष 2022 तक मानव सहित अंतरिक्ष मिशन ‘गगन यान’ का शुभारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत इस तरह की उपलब्धि हासिल करने के साथ ही दुनिया का चौथा देश बन जायेगा।
राष्ट्र का विकास एकजुटता की पहचान
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अब राष्ट्र निर्माण के लिए एकजुट हो रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण, गांवों में बिजली पहुंचाने, एलपीजी गैस कनेक्शन देने और आवास निर्माण जैसे क्षेत्रों में विकास की गति काफी तेज हुई है, जो राष्ट्र की एकजुटता की पहचान है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों के लिए ज्यादा एमएसपी, जीएसटी और एक रैंक-एक पेंशन सहित ऐसे कई निर्णय लिये हैं, जो लंबे अर्से से लंबित पड़े हुए थे। ऐसा इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि केन्द्र सरकार के लिए राष्ट्र हित सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि बुज़ुर्ग , दिव्यांग , महिलाएं , दलित, पीड़ित, शोषित, जंगलों में ज़िंदगी गुजारने वाले आदिवासी भाई-बहन हों, हर किसी को उनकी आशा और अपेक्षाओं के अनुसार आगे बढ़ने का अवसर मिले। एक आत्मनिर्भर हिन्दुस्तान हो, एक सामर्थ्यवान हिन्दुस्तान हो, एक विकास की निरंतर गति को बनाए रखने वाला, लगातार नई ऊंचाइयों को पार करने वाला हिन्दुस्तान हो, दुनिया में हिन्दुस्तान की साख हो, और इतना ही नहीं, हम चाहते हैं कि दुनिया में हिन्दुस्तान की दमक भी हो। वैसा हिन्दुस्तान बनाने के लिए हम चाहते हैं।
उन्होंने देश के सभी नागरिकों के लिए आवास, बिजली, स्वच्छ ईंधन, शुद्ध जल, स्वच्छता, कौशल, स्वास्थ्य, बीमा और कनेक्टिविटी के विज़न पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत प्रगति करे, कुपोषण समाप्त हो और देशवासी बेहतर जिंदगी जिएं, यह देखने के लिए वह बेसब्र, व्याकुल और उत्सुक हैं। इस अवसर पर मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितम्बर को ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ का शुभारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम भारत के गरीबों को बेहतरीन एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कराएं। इस योजना से 50 करोड़ लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के विज़न को दोहराते हुए कहा कि ऐसे कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने का लक्ष्य है, जो अत्यंत कठिन प्रतीत होते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना और सौभाग्य योजना जैसी पहल लोगों को सम्मान दिला रही हैं। विभिन्न संगठनों जैसे कि डब्ल्यूएचओ ने स्वच्छ भारत मिशन की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की है।
फ़र्जी लाभार्थियों और भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा
प्रधानमंत्री ने कहा कि किस तरह लगभग 6 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को बाहर कर सरकारी लाभों को सही हकदार व्यक्तियों तक पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त किया गया। उन्होंने कहा कि भारत के ईमानदार करदाताओं की राष्ट्र की प्रगति में उल्लेखनीय भूमिका है। करदाताओं की बदौलत ही कई लोगों का भरण-पोषण संभव हो पाता है और गरीबों की जिंदगी में बदलाव देखने को मिलते हैं। भ्रष्ट लोगों के साथ-साथ काला धन रखने वाले लोगों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के गलियारे अब सत्ता के दलालों से मुक्त हो गये हैं और गरीबों के हितों को प्राथमिकता दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से कौन सहमत नहीं था, सब कोई चाहते थे कि जीएसटी हो, लेकिन निर्णय नहीं ले पाते थे, फैसले लेने में लाभ, गैर-लाभ, राजनीति, चुनाव यह चीजों का दबाव रहता था। आज मेरे देश के छोटे-छोटे व्यापारियों की मदद से उनके खुलेपन से नएपन को स्वीकारने के उनके स्वाभाव के कारण आज देश ने जीएसटी लागू कर दिया। व्यापारियों में एक नया विश्वास पैदा हुआ, देश के व्यापारी , छोटे -मोटे उद्योग करने वाले भी शुरू में कठिनाइयां आने के बावजूद भी जीएसटी को स्वीकार किया।
वहीं इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि ओबीसी आयोग को सालों से संवैधानिक स्थान के लिए मांग उठ रही थी। इस बार संसद ने पिछड़े, अति पिछड़ों को, उस आयोग को संवैधानिक दर्जा दे करके, एक संवैधानिक व्यवस्था दे करके, उनकी हकों की रक्षा करने का प्रयास किया।
वहीं ‘तीन तलाक’ प्रथा के कारण मुस्लिम महिलाओं से अन्याय होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं को यह आश्वासन दिया कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें अवश्य ही न्याय मिले।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश में वामपंथ और चरमपंथ में कमी होने का भी उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत’ विज़न को एक बार फिर से दोहराया।
-- (विद्या नन्द मिश्रा)