भाजपा का कांग्रेस पर आरोप है कि शीला दीक्षित ने नगर निगमों को निधि देने से संबंधित चैथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को भी लागू नहीं किया और न ही उन्होंने वित्तीय रूप से पंगु पूर्वी एवं उत्तरी दिल्ली नगर निगमों को आवश्यक निधि आवंटित की इसलिये दिल्ली के लोगों के प्रति अजय माकन के इस दावे से बड़ा काई मजाक नहीं हो सकता कि कांग्रेस नगर निगमों को सुदृढ़ करेगी
दिल्ली भाजपा के महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, रविन्द्र गुप्ता एवं राजेश भाटिया ने कहा है कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान से बड़ा मजाक नहीं हो सकता कि वे नगर निगमों को स्वाबलंबी और कार्यकुशल बनायेंगे।
भाजपा नेताओं ने कहा है कि वर्ष 2002 में दिल्ली की तत्कालीन कांग्रेस की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और एकिकृत नगर निगम के नेताओं के बीच सत्ता के संघर्ष से ही नगर निगमों को कमजोर करने की प्रक्रिया शुरू हुई। यह शीला दीक्षित सरकार ही थी, जिसमें अजय माकन भी थे, जिसने कांग्रेस के भीतर राजनैतिक विरोधियों को कमजोर करने के लिये वित्तीय और अन्य कठिनाइयां उत्पन्न की।
तत्पश्चात 2007 में जब भाजपा सत्ता में आई तब भी शीला दीक्षित ने नगर निगमों के विरूद्ध अपनी गंदी राजनीति जारी रखी और निधियों में कटौती करके तथा अनेक आरोप लगाकर नगर निगमों को कमजोर किया।
वर्ष 2012 में शीला दीक्षित ने बिना आवश्यक निधि या प्रशासनिक व्यवस्था किये ही नगर निगमों को तीन भाग में बांट दिया और इसके परिणाम स्वरूप अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई।
इतना ही नहीं शीला दीक्षित ने नगर निगमों को निधि देने से संबंधित चैथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को भी लागू नहीं किया और न ही उन्होंने वित्तीय रूप से पंगु पूर्वी दिल्ली नगर निगम और कमजोर उत्तरी दिल्ली नगर निगम को आवश्यक निधि आवंटित की जैसा की उन्होंने वादा किया था।
केजरीवाल सरकार ने भी वर्ष 2002 से 2013 के बीच कांग्रेस द्वारा शुरू की गई नगर निगमों को कमजोर करने की गंदी राजनीति का ही अनुसरण किया है।
दिल्ली में शीला दीक्षित नगर निगमों की वित्तीय बदहाली के लिए जिम्मेदार हैं और इसलिए दिल्ली के लोगों के प्रति अजय माकन के इस दावे से बड़ा काई मजाक नहीं हो सकता कि कांग्रेस नगर निगमों को सुदृढ़ करेगी।