नई दिल्ली (संवाददाता)- तकनीक के प्रयोग से काम को आसान करना मौजूदा समय की जरूरत भी है और मांग भी, इसी बात को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडू के आनंदनगर स्थित कलसलिंगम यूनिवर्सिटी में पढाई करने वाले छात्र आए दिन कुछ न कुछ नए-नए अविष्कार करते रहते हैं।
इसी कङी में यूनिवर्सिटी के ईसीई विभाग में पढाई कर रहे तीसरे वर्ष के तीन छात्रों आर.आर्थी, पी डैनियल, डी बालाजी की टीम ने राशन की दुकान में प्रयोग करने के लिए स्मार्ट राशन वितरण प्रणाली को ईजाद किया है। इसके लिए बिजली से चलने वाला एक विशेष उपकरण भी बनाया गया है, जिसकी सहायता से बङी-बङी राशन की दुकान में राशन वितरण के कार्य को आसान किया जा सकेगा। यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा निर्मित स्मार्ट राशन वितरण प्रणाली को अपना कर हम समय, धन व लेबर की बचत कर सकेंगे।
छात्रों ने विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों व मीडिया के समक्ष इस उपकरण से चावल, चीनी, गेहूं और मिट्टी का तेल वितरण का डेमो भी दिया गया।
कलसलिंगम यूनिवर्सिटी (केएलयू) के छात्रों ने इस अनुसंधान परियोजना को ईसीई विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ एमपी.राजशेखरन और पी शिवकुमार के मार्गदर्शन में पूरा किया। छात्रों के इस अनुसंधान का पेटेंट भी कर लिया गया है। लगभग 6 माह में पूरे हुए अनुसंधान व उपकरण के निर्माण में आरंभिक खर्च 15हजार रुपए हुआ है। छात्रों की इस उपलब्धि पर कलसलिंगम यूनिवर्सिटी के चांसलर के. श्रीधरन, वाइस चांसलर एस.सरवण शंकर व निदेशक एस. शशि आनंद,रजिस्ट्रार डॉ. वी.वासुदेवन, ईसीई अध्यक्ष पी.शिवकुमार ने प्रोफेसरों व छात्रओं के कार्य की सराहना की है। कलसलिंगम यूनिवर्सिटी में इलैक्ट्रॉनिक एवं कम्यूनिकोशन इंजिनियरिंग विभाग में तीसरे वर्ष में पढाई कर रहे छात्रों द्वारा कुछ दिन पूर्व यहां एक खास सेल फोन चार्जर डिवाईस बनाने में भी सफलता हासिल की थी।
स्वचालित राशन वितरण की मशीन विकसित करने वाले छात्रों का कहना है कि परियोजना का मकसद लोगों की आवश्यकता के अनुरूप स्वचालित राशन वितरण प्रणाली को बढावा देना है, क्योंकि देश में राशन की दुकानों का उपयोग अधिकांश लोग घरेलू उपभोग का सामान खरीदने के लिए करते हैं। जहां दुकानदार उपभोक्ता दवारा खरीदी गई वस्तु, राशि, मात्रा व अन्य सामान की व्यव्था के लिए रिकार्ड इस्तेमाल कर उसका रख-रखाव करते हैं। इन सभी कामों की प्रक्रिया मैनुअल की जाती है, जिसमें मानव शक्ति और समय अधिक लगता है। कुल मिलाकर यह एक थकाऊ प्रक्रिया है। यदि इसी प्रक्रिया को स्मार्ट राशन वितरण प्रणाली के प्रयोग से पूरा किया जाए तो काम को आसानी से पारदर्शिता के साथ किया जा सकता है, वहीं भ्रष्टाचार, जालसाजी और माल की कालाबाजारी भी रोकने में सहायक होगा।
स्वचालित राशन वितरण की मशीन नाम से विकसित इस परियोजना से जुङे छात्रों के अनुसार इस सिस्टम को तैयार करने में लकङी के बोर्ड, बिजली के सेंसर, छोटी मोटर, पम्प, बैटरी के अलावा कुछ सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल किया गया है। सक्षेप में कहा जाए तो यह एक स्मार्ट सुविधाओं के साथ बेहतरीन इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है।