वर्धा (संवाददाता)- महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में सत्र 2016-17 के लिए प्रवेश प्रक्रिया जारी है। विश्वविद्यालय ने कुछ पाठ्यक्रमों में आवेदन प्राप्ति की अंतिम बढ़ाकर 15 जुलाई कर दी है। इस पाठ्यक्रमों में एम. ए., एम.एस., डब्ल्यू., बी. वोक., सर्टिफिकेट डिप्लोमा, पी. जी. डिप्लोमा तथा एडवांस्ड डिप्लोमा आदि पाठ्यक्रम शामिल हैं।
विवि में एम. ए. स्तर पर जनसंचार, भाषा प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटेशनल भाषाविज्ञान, मास्टर ऑफ इंम्फॉर्मेटिक्स एंड लैंग्वेज इंजीनियरिंग, हिंदी साहित्य, उर्दू, मराठी, अंग्रेजी, संस्कृत, मास्टर ऑफ परफार्मिंग आर्ट, विकास एवं शांति अध्ययन, स्त्री अध्ययन, बौद्ध अध्ययन, अनुवाद अध्ययन, प्रवासन तथा डायस्पोरा अध्ययन, मानवविज्ञान, एमएसडब्ल्यू, मनोविज्ञान आदि विषयों में अध्यापन होता है।
इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विवि ने आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई कर दी है। विश्वविद्यालय में बारहवीं के स्तर पर बी.एस.डब्ल्यू. तथा बी-वोक.(फिल्म निर्माण/अभिनय एवं मंच विन्यास) पाठ्यक्रम संचालित हैं। इसी के साथ मराठी, उर्दू, संस्कृत, पालि, अंग्रेजी, चीनी, स्पेनिश, जापानी एवं फ्रेंच भाषाओं में दो सेमेस्टर के पाठ्यक्रम यहां उपलब्ध हैं। इस वर्ष एम. ए. मराठी की भी शुरूआत की गयी है। एम.ए. करने वाले विद्यार्थियों को एक देशी या विदेशी भाषा भी सिखायी जाती है। कम्प्यूटर दक्षता के लिए विद्यार्थियों को कम्प्यूटर में अनिवार्य रूप से दक्ष किया जाता है।
सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पी. जी. डिप्लोमा, एडवांस्ड डिप्लोमा में दो सेमेस्टर के अनेक कोर्स यहां उपलब्ध हैं जिसमें भाषा शिक्षण, पीजीडीसीए, तुलनात्मक भारतीय साहित्य, गांधी अध्ययन, स्त्री अध्ययन, पालि भाषा एवं साहित्य, बौद्ध पर्यटन एवं गाइडिंग, तिब्बती भाषा एवं धर्म, अनुवाद, प्रयोजनमूलक हिंदी, निर्वचन, मराठी अनुवाद, इंडियन डायस्पोरा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, हिंदी एवं मराठी पत्रकारिता, एनजीओ प्रबंधन, भारतीय एवं पाश्चात्य कला तथा सौंदर्यशास्त्र, फोरेंसिक साइंस, योग एवं हेल्थ स्टडीज, परामर्श एवं निर्देशन, डीसीए, भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक वर्षीय सर्टिफिकेट आदि का समावेश है।
इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विद्यार्थी अब 15 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। विद्यार्थी अधिक जानकारी के लिए विवि की वेबसाइट www.hindivishwa.org देख सकते हैं या विवि के अकादमिक विभाग से 07152-251661 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय संसद द्वारा पारित अधिनियम 1997, क्रमांक 3 के अंतर्गत स्थापित इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के विद्यार्थियों के अलावा अन्य देशों जैसे चीन, श्रीलंका, थाईलैंड, जर्मनी, जापान आदि देशों के भी विद्यार्थी अध्ययन-अध्यापन करने आते हैं।