पिछले कई महीनों की अटकलों के बाद वोडाफोन ने सोमवार को आदित्य विक्रम बिड़ला समूह की कंपनी आइडिया सेलुलर के साथ विलय पर बातचीत होने की पुष्टि की है।
इसकी पुष्टि करते हुए वोडाफोन की भारतीय इकाई ने एक बयान जारी किया है। बयान के मुताबिक वोडाफोन ने इस बात की पुष्टि करती है कि आइडिया सेलुलर के साथ उसकी भारतीय इकाई वोडाफोन इंडिया के विलय को लेकर आदित्य बिड़ला समूह से बातचीत चल रही है। हालांकि, इसमें इंडस टॉवर्स और आइडिया में वोडाफोन की 42 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है।
बयान के अनुसार आइडिया से वोडाफोन तक नए शेयरों के जारी होने से विलय प्रभावी होगा और इससे वोडाफोन से वोडाफोन इंडिया अलग हो जाएगी।
वहीं, इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करते हुए आइडिया सेलुलर ने कहा कि वोडाफोन के साथ प्राथमिक दौर की बातचीत जारी है।
गौरतलब है कि दोंनों टेलीकाॅम कंपनियों के बीच बातचीत का प्रारंभिक दौर शुरू हो गया है। हालांकि अभी यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है।
जानकारी के अनुसार प्रारंभिक बातचीत में इस पर चर्चा हो रही है कि कंपनी पर आदित्य बिड़ला समूह और वोडाफोन के बराबर अधिकार हों।
आपको बता दें कि वोडोफोन इंडिया के 20 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता हैं और यह देश के 22 सर्किल में उपस्थिति है। चालू वित्त वर्ष के अंत तक कंपनी का इरादा 17 सर्किलों के 2,400 शहरों में 4जी सेवाएं शुरू करने का है।
वहीं, दूसरी तरफ आइडिया के भी करीब-करीब इतने ही ग्राहक हैं और यह देश के 22 सर्किल में उपस्थिति है। कंपनी का इरादा चालू वित्त वर्ष के अंत तक 20 सर्किल में 4जी सेवाएं शुरू करने का है।
फिरहाल अभी अटकलें हैं कि इस विलय में लगभग एक साल लगेंगे और यह विलय रिलायंस जियो के दूरसंचार क्षेत्र में उतरने और अपने नेटवर्क पर आजीवन वॉयस सुविधाएं मुफ्त देने जैसे ऑफर्स का नतीजा है।
ज्ञात हो कि इस विलय के तहत वोडाफोन की भारतीय इकाई का आइडिया सेलुलर के साथ विलय हो जाएगा, जोकि इस क्षेत्र का सबसे बड़ा सौदा होगा। इस विलय के बाद बनने वाली कंपनी दूरसंचार क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी।